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दुनीय भर की यादो में हमें न भुला देना

दुनीय भर की यादो में हमें न भुला देना
जब याद ए तो मुस्कुरा लेना
जींदा रहे तो मीलेंगे ज़रूर
वरना दीपोत्स्वी के दीयो में एक दीया मेरा भी जलाना

आज हम बिछड़े है तो कितने रंगीले हो गए

Behte aashkon ki zubaan nahi hoti