दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं
तूफ़ानों में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आंखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है
जिद्द तो उसकी है जो मुक़द्दर में लिखा ही नहीं है
हमें कहां मालूम था कि इश्क़ होता क्या है
बस, एक तुम मिले और ज़िंदगी मुहब्बत बन गई
इश्क़ की गहराइयों में खूबसूरत क्या है
मैं हूं, तुम हो और किसी की जरूरत क्या है